त्योहारी सीज़न मतलब bonus, EMI offers, card cashback, और ढेर सारी शॉपिंग! लेकिन अब Indian families सिर्फ़ खर्च नहीं, अपने Investment decisions को भी festive mood में फिट कर रही हैं। Outlook Money की रिपोर्ट बताती है कि कैसे त्योहारी खर्च की psychology अब हमरा financial behavior और निवेश की आदतों को बदल रही है।
🛍️ खर्च कर रहे हैं, लेकिन सोच-समझ कर
पहले जहाँ त्योहारों में लोग savings तोड़ देते थे, अब trend बदल रहा है: ✅ लोग त्योहारों के लिए पहले से targeted saving करते हैं ✅ Festive खर्च को EMI मंझे या card reward points से manage करते हैं ✅ और खुद को over-spending से रोकने के लिए budget बनाते हैं📊 खर्च और निवेश एक साथ
आजकल बहुत से लोग Dussehra – Diwali के आसपास कुछ खर्च करते हैं, तो कुछ निवेश भी।- 📦 कोई एक नया digital gold plan लेता है
- 📈 कोई ₹5,000 SIP बढ़ा देता है
- 🪙 Gold ETF या Sovereign Gold Bond festive gift की तरह खरीदा जा रहा है
- 👨👩👧👦 PPF / Sukanya / Mutual Fund में फरमाईश के साथ जुड़ने लगे हैं लोग
🧠 निवेश में emotional factor भी आ गया है
Festivals सिर्फ़ shopping करने का मौका नहीं, अब लोगो के लिए एक financial reset लेने का भी time बन चुका है। ✨ जैसे घर की सफाई करते हैं, वैसे ही लोग अब portfolio की भी सफाई करते हैं 📋 पुरानी SIP को बंद करके नया fund चुना जाता है 📉 Laggard stocks बिकते हैं, और नया नया ‘Diwali pick’ portfolio में जगह बनाता है📅 Systematic Festive Planning
2023-25 के data से पता चलता है कि अब लोग festive season के लिए निवेश को plan करने लगे हैं:स्थिति | पहले | अब |
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Bonus का इस्तेमाल | 100% खर्च | 60% खर्च + 40% निवेश |
Gifting Trend | Physical चीजें | Digital Gold / SGB / Mutual Fund Gift Cards |
EMI पर खरीदारी | बिना calculation | EMI अलॉकेशन को budget में fit करना |
🎯 क्यों बदल रहा है ये trend?
👉 Financial literacy बढ़ी है 👉 Fintech apps ने investment को ज़्यादा accessible बना दिया 👉 Retail investors की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है 👉 और शायद सबसे बड़ी बात — क्योंकि लोग अब savings के साथ celebrate करना चाहते हैं“अब festival सिर्फ़ खर्च का मौका नहीं रह गया — अब वो investing का भी अवसर बन चुका है।”