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इंडिया का IPO मार्केट अब असली टेस्ट में! क्या निवेशकों का भरोसा बना रहेगा?

इंडिया का IPO मार्केट अब असली टेस्ट में! क्या निवेशकों का भरोसा बना रहेगा?

2023 और 2024 के दौरान India का IPO market काफी हद तक bullish रहा — कई कंपनियाँ जबरदस्त listing gains लेकर आईं। लेकिन अब, जैसा कि 2025 के आख़िरी quarter में हम दाख़िल हो चुके हैं, IPO मार्केट एक बड़े टेस्ट से गुज़र रहा है। IFR की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, कुछ नई लिस्टिंग्स ने निवेशकों को निराश किया है, जिससे market sentiment में सुस्ती आई है।

📉 हाल की कुछ कमजोर IPO लिस्टिंग्स

👉 Juniper HotelsEntero Healthcare, और Vibhor Steel Tubes — इन कंपनियों की लिस्टिंग उम्मीद से काफी कमज़ोर रही।
  • Juniper Hotels का IPO वैल्यूएशन को लेकर questions उठा रहा था।
  • Entero Healthcare ने retail investors को खास attract नहीं किया।
  • Vibhor Steel की listing थोड़ी better रही, लेकिन long-term outlook को लेकर mixed views हैं।
इससे एक बात तो साफ है — कंपनियाँ अगर unrealistic pricing करेंगी, तो investors अब आँख बंद करके subscribe नहीं करने वाले हैं।

📊 क्या Pipeline में हैं promising IPOs?

बिलकुल हैं — कुछ बड़ी कंपनियाँ जल्द ही मार्केट में आने वाली हैं:
  • Ola Electric
  • FirstCry
  • Swiggy
  • Awfis
  • Aavas Financiers (Follow-on)
इनसे market को फिर से momentum मिल सकता है। लेकिन experts मानते हैं कि अब success सिर्फ brand name से नहीं, strong fundamentals + reasonable valuation से तय होगी।

🧐 Investors अब ज़्यादा Mature हो रहे हैं

पिछले सालों की तेज़ी ने जहाँ लोगों को IPOs की तरफ खींचा, वहीं अब वो उतने ही selective हो रहे हैं। 👉 High subscription = High premium ये formula हर बार fit नहीं बैठता 👉 Smart investors अब DRHP, business model और peer comparison अच्छी तरह से पढ़ने लगे हैं 👉 Listing दिन की बनावट से ज़्यादा, long-term performance पर focus बढ़ रहा है
“Retail investor अब सिर्फ hype पे नहीं जाता – वो valuation और growth story evaluate करता है, जो एक healthy sign है।”

💡 Takeaway: आने वाले वक्त में कैसा रहेगा IPO scene?

हालांकि कुछ IPOs listing gain देंगे, लेकिन हर ऑफर में पैसा लगाना फायदेमंद नहीं होगा। Institutional demand key रहेगी, और QIB + anchor investor interest को भी ध्यान में रखना ज़रूरी होगा। 🚨 अगर interest rates globally soft होते हैं, तो liquidity बढ़ेगी – जिससे IPO market को boost मिल सकता है।

📦 निष्कर्ष:

India का IPO बाजार अब एक नए phase में प्रवेश कर रहा है — जहाँ केवल ब्रांड नाम और बड़ी रकम काफी नहीं है। Investor maturityrealistic pricing, और strong business models ही अब game-changer होंगे। Market अब IPOs को सिर्फ “quick profit” की आंख से नहीं बल्कि “long-term opportunity” की तरह देख रहा है — और यही बदलती सोच इंडिया के equity ecosystem को और मजबूत बनाएगी। 💼📈